शुक्रवार, 23 सितंबर 2011

एक गाँव में दो किसान थे ,दोनों फूलो की खेती करते थे ,लेकिन एक किसान के बगीचे में फूल जादा दिन तक खुस्बुदार और तरोताजा नहीं रहते थे और जल्दी ही मुरझाने लगते थे ,लेकिन दुसरे किसान के बगीचे में जादा दिन तक खुशनुमा माहोल बना रहता था ! मै कारन जानना चाहता था !

क्यू की मैंने देखा था दोनों ही किसान एक ही तरह के फूलो की खेती करते थे ,फिर फसल इतनी अलग केसे , मैंने एक सीजन के बाद दुसरे सीजन में उनकी खेती के पुरे तरीके को ध्यान से देखा ,दोनों ही किसानो ने अपने खेतो में अलग अलग तरह के कई फूलो की खेती की ,कुछ दिनों के बाद दोनों किसानो के खेतो में फूलो की फसल लह्लेहने लगी,चारो तरफ फूलो की खुसबू थी ... लेकिन कुछ दिन बिततेही पहले किसान के फूल फिर मुरझाने लगे उनकी खुसबू कम होने लगी ...लेकिन दुसरे किसान के खेत में फूल महक रहे थे ..अपनी खुसबू बिखेर रही थे ...तब मुझे सच का अहसास हुआ ...

मैंने तब जाना की दोनों की किसान अपने खेतो में फूलो को उगाते थे ...दो नो के खेतो में फूलो की खुसबू भी सामान ही थी किन्तु, क्यू पहले किसान के फूल जल्दी ही मुरझाने लगते थे ,सच ये है की फूलो का स्वभाब तो है बाताबरण को खुशनुमा बनाना ..जब फूल तरो ताज रहते है तो अपनी खुसबू और ताजगी से पूरा खेत महकाते है ,लेकिन आगर उन्हें होने बलि परेशानिया (कीड़े ,खरपतवार ) से उन्हें बचाया जाये तो बे लम्बे समय तक खुसबू देते है ! जो की पहला किसान नहीं कर पाता था ,जबकि दूसरा किसान फूलो की पूरी तरह देखभाल करता था समय समय पर उनकी समस्याओ (कीड़े ,खरपतवार)को दूर करता था!

येही फर्क होता है आज के कार्पोरेट में ...

जब एक नोजबन २०-२१ की उम्र में किसी कंम्पनी या ऑफिस में पुरे जोस और उमंग के साथ अपने जीबन की सुरुआत करता है तो बो अपना दिल जान ,दिन रात उस कंपनी को देदेता है

उसके काम से उसका Boos भी बहोत खुस रहता है ..लकिन बक्त के साथ साथ उस नोज्बान को जीबन की समस्याए (कीड़े ,खरपतवार) घेरने लगती है उस बक्त बो अपनने Boos से उम्मीदे लगाता है और अगेर Boos भी दुसरे किसान की तरह उसकी समस्याओ से जूझने में मदद करता है तो उस नोजबन की हिम्मत और ताकत बनी रहती है बरना उसका Boos और बो दोनों ही मुरझाने लगते है बिलकुल बेसे ही जेसे पहले किसान के साथ हुआ था !

विरेन्द्र "कनक" चोलकर

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