मंगलवार, 19 मई 2009


भोपाल गैस त्रासदी को समर्पित
इस ताल तलैया की नगरी से १ दुखद हादसा गुजरा था !
इस स्वर्ग सी सुंदर नगरी से १ गमो का काफिला गुजरा था !!
मच गई थी उथल पुथल ,
और मौत तांडव करती थी !
जहर घुल गया था उस नगरी में ,
जीसे जन्नत सजदा करती थी !!
साँस घुटी थी आँखे थी बंद ,
बो बक्त मुस्किल का गुज़रा था!!
--------------१ दुखद हादसा गुजरा था !
होती है जब होली घर में ,
रंग गमो के बहते है
आता है कोई खुसी का पल
सब आंसू पी कर रहते !
सन्नाटा था चारो तरफ़ ,उस रात काल का पहरा था !!
--------------१ दुखद हादसा गुजरा था !
जब सोचेता हु मै इन बातो को,
आँख से आसूं बहते है!
मै तो हु १ पराया उनके परिजन,
इस दुःख को कायसे सहेते है!!
हो गया था तबाह ये चमन ,बो रूप मौत का दूसरा था !
--------------१ दुखद हादसा गुजरा था !
वीरेंदर "कनक"चोलकर