बड़ा खामोश आँगन है , जरा पायल तो छान्काओ!
थोडी बेचेनी है दिल में जरा इस दिल को समझाओ !!
कहा था क्या अभी तुमने उसे मै सुन नही पाया !
मरी हर बात बन जाए जो तुम वो बात दोहराओ !!
इ खाली हो जब दिल का कई गम घर बनते है !
मेरा हर गम जो तुम इस दिल में बस जाओ !!
तारे होतो को गालो को तेरे बालो को क्या देखू !
मेरी धड़कन ना रुक जाए मुझे इतना ना तड़पाओ !!
विरेन्द्र "कनक" चोलकर