शनिवार, 14 अगस्त 2010

लहराएगा अमर तिरंगा इज्जत और इमान से !
टकरा लेंगे हम मत्बले हर आंधी तूफान से !!

खून पसीना देकर हमने इसका रंग सजाया है !
टकराया है जो भी हमसे आखिर में पछताया है !!
वीरन्द्र "कनक" चोलकर